संसार में सर्वाधिक विविधता वाला देश होने के नाते भारत एक मात्र ऐसा देश है जहाँ अनेको रीति-रिवाजो तथा भाषाओं को खुद मे समेटे हुआ है। अन्य सभी भाषाओ के बीच हिंदी भाषा प्रमुख तथा सर्वजन सामान्य द्वारा बोली जाती है।
14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत में एक उच्च दर्जा मिला, जब इसे देश की आधिका रिक भाषा के रूप में अपनाया गया।तब से 14 सितंबर को भारत की आधिकारिक भाषा को श्रद्धांजलि देने के लिए हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।आज हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा प्राप्त है।आजकेअत्यधिक व्यावसायिक वातावरण में, जहाँ लोग अपनी जड़ें भूल रहे हैं, हिंदी दिवस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिंदी दिवस का उत्सव भारतीय आबादी को उनकी सामान्य जड़ों और एकता की देश भक्ति की याद दिलाता है।
हिंदी दिवस के पावन अवसर पर गीतारतन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हायर स्टडीज एंड ट्रेनिंग में हिंदी दिवस बहुत ही धूम धाम से मनाया गया।
समस्त विश्व में फैले कोरोना वायरस ने हम सभी को अपने घरो तक सीमित कर दिया है परन्तु ये वायरस हमारी ऊर्जा तथा कर्तव्य परायणता को सिमित नहीं कर पाया है, हिंदी दिवस की अवसर पर वर्चु अलमीट द्वारा हिंदी दिवस आयोजित किया गया।
कार्य क्रम की शुरु आत हिंदी साहित्यके इतिहास द्वाराहुई जिसमे हिंदी साहित्यके काल विभाजन की विवेचना हुई। तत्पश्चात छात्रा ओंद्वारा हिंदी भाषाकी महत्ताको उजागर किया गया एवं दो अतिम धुर कविताओं तथा दोहो का पाठ किआ गया साथ ही वर्तमान समय में हिंदी भाषा की चुनौतियों का भी उल्लेखन हुआ। तथा काप्रसिद्ध गीत सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा गाया गया।
कार्य क्रम के अंत में अध्यापिका डॉ. शिखा रंजन द्वारा छात्राओं का मार्ग दर्शन किआ गया तथा वर्तमान दौर में हिंदी तथा अँग्रेजी के मध्य एक सामंजस्य स्थापित करने की बात की गयी।